रविवार, 3 अप्रैल 2011

गायत्री मंत्र

ओ३म् भूर्भुवः स्वः!
तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि !
धियो यो नः प्रचोदयात् !!

तूने हमें उत्पन्न किया पालन कर रहा है तू
तुझसे ही पाते प्राण हम दुखियों के कष्ट हरता है तू

तेरा महान तेज है छाया हुआ सभी स्थान
सृष्टि की वस्तु-वस्तु में तू हो रहा है विद्यमान

तेरा ही धरते ध्यान हम मांगते तेरी दया
ईश्वर हमारी बुध्दी को श्रेष्ट मार्ग पर चला

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