जब तेरी डोली निकाली जाएगी
जर सिकंदर का यहाँ पर रह गया
मरते दम लुकमान भी यह कह गया
ये घड़ी हरगिज न टाली जाएगी १
उन हकीमों से ये पूछो बोलकर
दावा करते थे किताबें खोलकर
यह दवा हरगिज न खाली जाएगी २
क्यों गुलों पर हो रहे बुलबुल निसार
पीछे माली है खड़ा ख़बरदार
मारकर गोली गिराली जाएगी ३
ये मुसाफिर क्यों पसरता है यहाँ
यह किराये का मिला तुझको मकाँ
कोठारी खाली करली जाएगी 4
धर्मराज जब लेगा तेरा हिसाब
फिर वहाँ पर क्या देगा तू जवाब
जब बही तेरी निकाली जाएगी