भरोसा कर तू ईश्वर पर तुझे धोखा नहीं होगा।
यह जीवन बीत जायेगा तुझे रोना नहीं होगा।।
कभी सुख है कभी दुख है, यह जीवन धूप-छाया है।
हँसी में ही बिता डालो, बिताना ही यह माया है।।१।।
जो सुख आवे तो हंस लेना, जो दुःख आवे तो सह लेना।
न कहना कुछ कभी जग से, प्रभु से ही तू कह लेना।।२।।
यह कुछ भी तो नहीं जग में, तेरे बस कर्म की माया।
तू खुद ही धूप में बैठा लखे निज रूप की छाया।।३।।
कहां पे था, कहां तू था, कभी तो सोच ए बन्दे !
झुकाकर शीश को कह दे, प्रभु वन्दे ! प्रभु वन्दे !!४!!
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