मंगलवार, 5 मार्च 2013

जीवन की घड़ियाँ यूँ ही न खो, ओम् जपो, ओम् जपो---


जीवन की घड़ियाँ यूँ ही न खो, ओम् जपो, ओम् जपो !
 चादर न लम्बी तान के सो, ओम् जपो, ओम् जपो !



ओम् ही सुख का सार है,
जीवन है, जीवन-आधार है।
प्रीति न उसकी मन से तजो,
ओम् जपो, ओम् जपो !!१!!

चोला यही है कर्म का,
करने को सौदा धर्म का।
इसके सिवाय मार्ग न कोई,
ओम् जपो, ओम् जपो !!२!!

मन की गति संभालिये,
ईश्वर की ओर डालिये।
धोना जो चाहो जीवन को धो,
ओम् जपो, ओम् जपो !!३!!

साथी बना लो ओम् को,
मन में बैठा लो ओम् को।
‘देश’ रहा क्यों समय हो खो,
ओम् जपो, ओम् जपो !!४!!

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