ये बालक होवे बुद्धिमान् हे ईश्वर विनय हमारी।
यह जीवे सौ वर्षों तक, हो दीन-दुःखी का रक्षक।
बने नीरोग सबल महान् हे ईश्वर विनय हमारी।।1।।
सब मर्म धर्म का जाने, वेदों का पथ पहचाने।
पावे दुनिया में सम्मान हे ईश्वर विनय हमारी।।2।।
पुरुषार्थ करे जीवन में, भरे शुद्ध भावना मन में।
धन पा करे नहीं अभिमान हे ईश्वर विनय हमारी।।3।।
तपधारी परोपकारी, यशवान् राज-अधिकारी।
हो ‘नरदेव‘ आर्य श्रीमान् हे ईश्वर विनय हमारी।।4।।
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