नाथ करुणा करो, ये हृदय के हरो, दोष सारे,
पूज्य पावन प्रभु जी हमारे।
जाप जिसने तुम्हारा किया है,
जन्म उसका सफल कर दिया है।
काम-क्रोधारि खल-दल प्रबल,
मल अरल विघ्न टारे।।¬१।।
पास रहते हो हरदम हमारे,
पर नहीं देख पाते तुम्हें हम।
बुद्धि दो ज्ञान दो भक्ति
का दान दो प्राणप्यारे।।२।।
नील आकाश तम्बू बनाया,
भूमि-सा क्या बिछौना बिछाया।
धन्य करतार कवि, रच दिये
लोक रवि चन्द्र तारे।।३।।
तज तुम्हें कौन के जायें द्वारे,
तुम बिना कौन बिगड़ी संवारे।
यहां गीत अधूरा है किसी के पास हो तो कृपया प्रेषित करें।
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