शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2011

भगवान् मेरी नैया


भगवान् मेरी नैया उस पार लगा देना।
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।।टेक।।


दल-बल के साथ माया, घेरे जो तुझे आकर।
तुम देखते न रहना, मुझे उससे छुड़ा देना।।1।।

सम्भव है, झंझटों में, मैं तुमको भूल जाऊँ।
पर नाथ कहीं तुम भी मुझको न भुला देना।।2।।

तुम इष्ट मैं उपासक तुम देव मैं पुजारी।
यह बात सच है तो फिर करके दिखा देना।।3।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें