भगवान् मेरी नैया उस पार लगा देना।
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।।टेक।।
दल-बल के साथ माया, घेरे जो तुझे आकर।
तुम देखते न रहना, मुझे उससे छुड़ा देना।।1।।
सम्भव है, झंझटों में, मैं तुमको भूल जाऊँ।
पर नाथ कहीं तुम भी मुझको न भुला देना।।2।।
तुम इष्ट मैं उपासक तुम देव मैं पुजारी।
यह बात सच है तो फिर करके दिखा देना।।3।।
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