मानव तू अगर चाहे दुनिया को हरा देना
पर ईश्वर के दर पर सर अपना झुका देना
राजी हो प्रभु जिसमें वह काम सही होगा
भगवान जो चाहेगा दुनिया में वही होगा
उसे अपना बनाकर के उलझन को मिटा लेना
रक्षक है अनाथों का दुखियों का सहारा है
भव पर किया जिसने उसको ही पुकारा है
पल भर के उसको दिल से न भुला देना
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें