शनिवार, 9 अप्रैल 2011

मानव तू अगर चाहे

मानव तू अगर चाहे दुनिया को हरा देना
पर ईश्वर के दर पर सर अपना झुका देना

राजी हो प्रभु जिसमें वह काम सही होगा
भगवान जो चाहेगा दुनिया में वही होगा
उसे अपना बनाकर के उलझन को मिटा लेना

रक्षक है अनाथों का दुखियों का सहारा है
भव पर किया जिसने उसको ही पुकारा है
पल भर के उसको दिल से न भुला देना




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