रविवार, 17 अप्रैल 2011

सदा फूलता फलता भगवन

सदा फूलता फलता भगवन, यह याजक परिवार रहे /
रहे प्यार जो किसी से इनका, सदा आपसे प्यार रहे //

मिथ्या कर अभिमान कभी न, जीवन का अपमान करें /
देवजनों की सेवा करके, वेदामृत का पान करें /
प्रभु  आपकी आज्ञा-पालन, करता हर नर-नार रहे // 

मिले सम्पदा जो भी इनको, उसको माने आपकी /
घड़ी न आने पावे इन पे, कोई भी संताप की /
यही कामना प्रभु आपसे, कर हम बारम्बार रहे //

दुनियादारी रहे चमकती, धर्म निभाने वाले हों /
सेवा के सांचे में सबने, जीवन अपने ढालें हों /
बच्चा-बच्चा परिवार का, बनकर श्रवणकुमार रहे //

बनें रहें सन्तोषी सारे, जीवन के हर काल में /
हाल-चाल हो कैसा इनका, रहें मस्त हर हाल में /
ताकि 'देश' बसाया इनका, सुखदाई संसार रहें // 

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