बड़ी श्रध्दा से सत्संग में आते चलो /
मन को विषयों के विष से हटाते चलो //
देखना इन्द्रियों के न घोड़े भगें /
रात दिन इनको संयम के कोड़े लगें /
अपने रथ को सुमार्ग चलाते रहो //
काम करते रहो नाम जपते रहो /
पाप की वासनाओं से बचते रहो /
प्रेम भक्ति के आंसू बहाते चलो //
प्राण जाये मगर प्रभु को भूलो नहीं /
दुःख में तड़पो नहीं सुख में भूलो नहीं /
भक्ति दान का खजाना बढाते चलो //
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें